5 शब्द जो कंपनियों की बातचीत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होते हैं

जब भी बिजनेसमैन या कोई प्रोफेशनल कंपनियों के बारे में बात करते हैं, तो कुछ शब्दों का इस्तेमाल करते है! आइए जानते हैं उन पांच शब्दों  के बारे में, जिनका प्रयोग कंपनी के मामलों में सबसे ज्यादा होता है


1. CIN (Corporate Identity Number):  

CIN का अर्थ होता है कॉरपोरेट आइडेंटिटी नंबर, जो 21 अक्षरों अंको (alphanumeric) से मिलकर बना होता है. CIN किसी भी कंपनी के लिए बहुत जरूरी होता है तथा उसको इसे अपने हर डॉक्यूमेंट पर चाहे, वह बिल हो या कंपनी का लेटर हेड हो, लिखना जरूरी होता है.

हर कंपनी का CIN अलग (unique) होता है और इस नंबर से हम कंपनी की सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. 1 नवंबर 2000 के बाद से हर कंपनी को CIN कंपनी के रजिस्ट्रेशन के समय ही जारी कर दिया जाता है, जो उसके Registration Certificate पर लिखा रहता है. इसको देखकर ही हम कंपनी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जैसे वह कंपनी Listed है या नहींवह किस तरह का बिजनेस करती है, किस राज्य में उसका रजिस्टर्ड ऑफिस है, वह किस वर्ष में बनी है, वह कंपनी प्राइवेट है या पब्लिक तथा कंपनी का unique रजिस्ट्रेशन नंबर क्या है. उदाहरण के लिए यदि किसी कंपनी का CIN: U15110HR2021PTC123456 है, तो इससे पता लग जाएगा कि यह कंपनी Unlisted है, फूड बिजनेस में है, हरियाणा में उसका रजिस्टर्ड ऑफिस है, 2021 में बनी हुई है, कंपनी प्राइवेट है तथा इसका रजिस्ट्रेशन  नंबर 123456 है

कोई भी व्यक्ति किसी भी कंपनी का CIN, भारत सरकार की वेबसाइट www.mca.gov.in पर जाकर पता कर सकता है तथा उस कंपनी की सारी महत्वपूर्ण जानकारी इस नंबर से देख सकता है


2. DIN (Director Identification Number):

कंपनी के मामलों में दूसरा सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला शब्द है DIN मतलब Director Identification Number. आप जानते ही होंगे कि कंपनी का मैनेजमेंट उसके डायरेक्टर्स के हाथ में होता है. हर डायरेक्टर को सरकार द्वारा एक अलग DIN दिया जाता है, जिससे वह व्यक्ति किन कंपनियों में डायरेक्टर है, पता चल सके. यह नंबर केवल एक बार पूरे लाइफ टाइम के लिए मिलता है. पब्लिक उस Director के बारे में सारी जानकारी उसके DIN से पता कर सकती है. यदि कोई भारत का नागरिक DIN लेना चाहता है तो उसके पास PAN और आधार होना जरूरी है. एक बार DIN मिलने के बाद, व्यक्ति को हर साल KYC पूरी करवानी होती है. 8 अंकों का यह DIN, कंपनी का डायरेक्टर बनने के जरूरी होता है. या तो उसे यह नंबर कंपनी के Registration के साथ ही मिल जाता है या किसी कंपनी में डायरेक्टर बनने से पहले, वह सरकार से DIN जारी करने के लिए आवेदन  फॉर्म DIR-3 द्वारा कर सकता है.


3. MCA21:

तीसरा शब्द है MCA21 जो कंपनियों के लिए भारत सरकार का सबसे बड़ा -गवर्नेंस प्रोग्राम है और जिससे कंपनियों के सारे डाक्यूमेंट्स को Digitalise कर दिया गया है, कंपनियों की सारी कार्यवाही जैसे Registration, फाइलिंग और इंस्पेक्शन, अब ऑनलाइन ही होने लगी हैं. इसके लिए हम भारत सरकार के कॉर्पोरेट मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स) की वेबसाइट mca.gov.in पर जाकर कंपनी की सारी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं. आम लोगों को कुछ जानकारी सेवाएं तो फ्री में बिना किसी रजिस्ट्रेशन के उपलब्ध है, परंतु कुछ जानकारियां प्राप्त करने के लिए या फाइलिंग करने के लिए, हमें इस साइट पर registration करके login करना पड़ेगा. Registered User कंपनियों की फाइलिंग के साथ-साथ, किसी कंपनी के डॉक्यूमेंट को inspect भी कर सकते हैं, जिसके लिए सामान्यतः कुछ फीस अदा करनी होती है.


4. SRN or Service Request Number:

SRN का मतलब होता है सर्विस रिक्वेस्ट नंबर जो 9 अक्षरों अंको (alphanumeric) से मिलकर बना होता हैजब भी हम mca.gov.in की साइट पर login करने के बाद कोई filing या ट्रांजैक्शन करते हैं, सिस्टम एक चालान जनरेट करता है. उस पर एक रेफरेंस नंबर लिखा होता है जिसे SRN कहा जाता है. आमतौर पर प्रोफेशनल जैसे वकील या कंपनी सेक्रेट्री या CA कंपनी के बारे में बात करते हुए transaction का सर्विस रिक्वेस्ट नंबर पता करना चाहते हैं. SRN द्वारा ही हमें उस ट्रांजैक्शन से संबंधित सारी जानकारी जैसे उसका पेमेंट स्टेटस, उसका अप्रूवल स्टेटस objection आदि पता चल सकती हैं.


5. ROC (Registrar of Companies):

आखिरी शब्द जिसका प्रयोग आमतौर पर कंपनी के मामलों में होता है, वह है ROC मतलब रजिस्ट्रार ऑफ़ कम्पनीज. हर राज्य केंद्र शासित प्रदेश में जितनी कंपनियां रजिस्टर्ड होती हैं, उन कंपनियों की देखरेख के लिए मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स ने ROC Office बना रखे हैं. जैसे यदि हम हरियाणा की बात करें तो हरियाणा का रजिस्ट्रार ऑफ़ कम्पनीज का ऑफिस नई दिल्ली में है. ROC कॉर्पोरेट मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है तथा आम व्यक्ति अपनी कंपनियों से संबंधित किसी भी प्रॉब्लम के लिए उसके रजिस्टार आफ कंपनीज के ऑफिस से संपर्क कर सकते हैं.


वैसे तो कुछ और शब्द भी होंगे, जो कंपनियों की बातचीत में इस्तेमाल होते हैं परंतु मैंने अपने इस ब्लॉग को ज्यादा लंबा करते हुए, 5 शब्दों तक ही सीमित किया है. यदि आपको कंपनी के किसी भी विषय पर कुछ भी पूछना हो या आपकी कोई Query हैं तो आप मुझे कमेंट द्वारा बता सकते हैं. 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

We will be happy to recieve a good feedback

7 बातें जो आपको पता होनी चाहिए! अपना खुद का व्यवसाय सफल करने के लिए

यदि आप कोई नया व्यापार शुरू करने जा रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है I आइए जानते हैं :  1. ऐसा व्यापा...