अचानक आने वाले खर्चों के लिए एक इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) जरूर बनाए और अपनी आर्थिक परेशानियों (Money Problems) से राहत पाएं

कोई इमरजेंसी (Emergency) कहीं भी-कभी भी आ सकती है| परिवार के किसी कमाने वाले सदस्य (Earning Hand) की नौकरी चली जाए या कोई बीमार पड़ जाए या अचानक से कोई रिपेयर का खर्चा आ जाए, तब हमें चिंता सताने लगती है| क्या करें?

कैसे अपनी सीमित आय (Limited Income) में सारे खर्चे पूरे करें, इसका डर सताने लगता है| 

इन सब परेशानियों का एक समाधान है| आज के समय में, हर मध्यमवर्गीय परिवार के लिए एक ‘इमरजेंसी फंड (Emergency Fund)’ बनाना जरूरी है|

इमरजेंसी फंड क्या होता है?
इसे बनाना क्यों जरूरी है?
यह फंड कितना होना चाहिए?
इसे कैसे बनाएं?

और इमरजेंसी फंड के लिए किन-किन जरूरी बातों का ध्यान रखें? आइए जानते हैं:



इमरजेंसी फंड क्या होता है? (What is Emergency Fund?):


जीवन में आने वाली किसी इमरजेंसी (Emergency) या बहुत जरूरी (Contingency) खर्चा को पूरा करने के लिए एक ऐसा फंड, जिसमें एक निश्चित धनराशि अलग से रख दी जाती है| जिससे किसी असामान्य स्थिति में हमारा जीवन उथल-पुथल ना हो और किसी भी मानसिक-आर्थिक परेशानियों से बचा जा सकें| किसी भी आपात स्थिति में, अपने घरेलू खर्चों (Household Expenses) को पूरा करने के लिए इस इमरजेंसी फंड का प्रयोग किया जा सकता है| 


इमरजेंसी फंड बनाना क्यों जरूरी है? (Why Emergency Fund is Necessary?):


आज धन बहुत महत्वपूर्ण हो गया है| किसी परेशानी के आने पर यदि हमारे पास पैसे का प्रबंध हो तो मुश्किल आसान हो जाती हैं| अब न्यूक्लियर फैमिली (Nuclear Family System) होने के कारण हमें आत्मनिर्भर (Self Dependent) होना जरूरी हो गया है| हमें हर तरह की आर्थिक परेशानी (Financial or Money Problem) से लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए| 


किसी मुश्किल समय में स्वयं को और परिवार को संभालने में कुछ समय लगता है| इस समय में यदि हमारे पास घर चलाने के लिए पैसे का प्रबंध होगा, तो हमें कुछ कार्य करके संभलने में आसानी हो जाएगी| 


इमरजेंसी फंड में कितना पैसा होना चाहिए?


‘3X का सिद्धांत’ कहता हैं कि आमतौर पर हमारे 3 महीने के पारिवारिक खर्चों (Family Expenses) के बराबर पैसा ‘इमरजेंसी फंड’ के लिए रखा जाना चाहिए| ऐसे घरेलू खर्चे दो प्रकार के होते हैं:


फिक्स खर्चे (Fixed Expenses): ऐसे खर्चे जिसे कम नहीं किया जा सकता जैसे मकान-दुकान का किराया (Rent), पढ़ाई के खर्चे (Education Expenses), इंश्योरेंस प्रीमियम (Insurance Premium), होम लोन या कार लोन की किस्तें (EMI), स्टाफ का मेहनताना (Staff Payment), एएमसी (AMC) आदि| 


वेरिएबल खर्चे (Variable Expenses): कुछ ऐसे खर्चे भी होते हैं जो फिक्स नहीं होते और जिन्हें कुछ सीमा तक कम किया जा सकता है, जैसे दूध, सब्जी और किरयाने का बिल, गाड़ी के पेट्रोल का खर्चा, घर के बिजली का बिल आदि| 


आइए इसे उदाहरण के द्वारा समझते हैं:

मान लीजिए हमारे घर का दूध, सब्जी और किरयाने का मासिक खर्च 9000 रुपए 

पढ़ाई के खर्चे 3000 रुपए 

होम लोन की EMI 5000 रुपए

पेट्रोल का खर्चा 1000 रुपए

घर के बिजली का बिल 2000 रुपए

अन्य खर्चे 5000 रुपए

कुल मासिक ख़र्चे 25000 रुपए




नोट: इमरजेंसी फंड बनाने के लिए ऐसे खर्चे को शामिल नहीं किया जाता जो अनावश्यक हो, जो हमारी Need नहीं हो और जिन्हें आसानी से टाला जा सकें (Postponed)| जैसे बाहर घूमने-फिरने और खाने-पीने के खर्चे|


आमतौर पर कम से कम 3 महीने  के खर्चों के बराबर का इमरजेंसी फंड बनाना जरूरी होगा| मान लो हमारे घर का 1 महीने का खर्चा 25000 रुपये है, तो कम से कम हमें 3 महीने के खर्चे के बराबर मतलब 75000 रुपये का इमरजेंसी फंड बनाना होगा|


यदि हम 6 महीने (6X) का इमरजेंसी फंड बना पाए तो अधिक बेहतर होगा| साथ ही साथ कितना फंड बनाया जाए यह हमारे घर की स्थिति, घर में आय कमाने वाले सदस्यों की संख्या, सदस्यों की आयु तथा बच्चों की संख्या आदि जैसे कारणों पर भी निर्भर करेगी| एक फैमिली के लिए जिसमें केवल एक ही सदस्य कमाने वाला है ज्यादा फंड बनाना चाहिए, बजाय उसके जो अभी युवा है और जिसकी अभी तक शादी नहीं हुई है| 


अपना इमरजेंसी फंड कहां पर रखें?


कुछ लोग सोच रहे होंगे सारा पैसा क्या घर में रखना होगा| यह फंड बनाने का मतलब है कि जरूरत पड़ने पर हमें किसी से पैसा मांगना ना पड़े और हमारे पास पैसा तुरंत उपलब्ध हो जाए| 


सारा पैसा घर में नगद रखने पर हम किसी भी घरेलू खर्चे के लिए इसका प्रयोग कर लेंगे| इससे इमरजेंसी फंड को बनाने का उद्देश्य बेकार चला जाएगा| जब जरूरत पड़ेगी तब हमारे पास पैसे नहीं होंगे और हम मनी प्रॉब्लम में फंस जाएंगे| इसलिए हमें इमरजेंसी फंड के पैसे को कुछ हिस्सों में बात कर अलग-अलग जगह रखना होगा|


इस फंड का कुछ हिस्सा हमें अपने घर में नगद (Cash) में रखना होगा, ताकि यदि हमें रात को भी किसी इमरजेंसी में (वह कोई चिकित्सा की जरूरत हो सकती है) पैसों की जरूरत पड़े, तो हम तुरंत उसे प्रयोग कर सकें| 


हमें अपनी तरलता (Liquidity), सुरक्षा  (Security) और आय (Return) का भी ध्यान रखना होता है| अधिक पैसा घर में रखने से ना तो उस पर कोई ब्याज (Interest) ही मिलता है और ना ही आज के समय में ज्यादा पैसा रखना सुरक्षित (Safe) माना जाता है| 


इसका फंड का कुछ हिस्सा बैंक में बचल खाते (Savings Account) में भी रखा जा सकता है, जिससे हम अगले दिन बैंक में जाकर अपना पैसा निकलवा सकें| हम एटीएम (ATM) से पैसे निकालकर प्रयोग कर सकते हैं या डिजिटल पेमेंट सिस्टम (Digital Payment System) द्वारा अपने स्मार्टफोन से दूसरे व्यक्ति को UPI कर सकते हैं| हमें उस फंड पर कुछ ब्याज भी मिलता रहेगा और इस ब्याज से हमें बढ़ती महंगाई से होने वाले नुकसान से बचाव होगा|


इस इमरजेंसी फंड का कुछ हिस्सा किसी बैंक में एफडी (Fixed Deposit) या डेट म्युचुअल फंड (Debt Mutual Fund) में भी रखा जा सकता है, जिससे हम कुछ Return भी कमा सकें और जरूरत पड़ने पर म्यूचल फंड की Redemption करवाकर अपनी जरूरतें पूरी कर सके| म्यूचल फंड में निवेश करके हम जितने पैसों की जरूरत हो उतने पैसे आराम से निकलवा सकते हैं और दो-तीन दिन में पैसे हमारे बैंक अकाउंट में आ जाते हैं| 





Caution: इमरजेंसी फंड के पैसे को इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) में निवेश का जोखिम ना लें, क्योंकि मार्केट में गिरावट आने पर हमें कैपिटल (Capital) का नुकसान हो सकता है और किसी मुश्किल समय में इमरजेंसी फंड बनाने का हमारे उद्देश्य बेकार हो सकता है|


इमरजेंसी फंड के कुल पैसे को नगद में (20%) बैंक अकाउंट (20%) में और किसी एफडी या डेट म्यूचुअल फंड (60%) रखा जा सकता है, जिससे हमारी जरूरतें भी पूरी हो जाए और कुछ आय भी मिल जाए| 


इस इमरजेंसी फंड का प्रयोग कब और कहां करें: मेरा सुझाव होगा कि किसी भी आपात स्थिति (Emergency) में ही या बहुत मुश्किल समय में ही इस फंड का प्रयोग करें| छोटी-मोटी समस्याएं होने पर दूसरे समाधान निकालने की कोशिश करें और इस फंड को ना छेड़े| यदि हम बार-बार इसका प्रयोग करने की आदत डालेंगे, तब कुछ समय बाद इस फंड में कुछ भी नहीं बचेगा| 


इमरजेंसी फंड कैसे बनाएं: इस फंड को बनाने के लिए या तो हम एकमुश्त राशि (‘Lump Sum’ or ‘One Time’ Contribution) निकालकर रख सकते हैं या फिर हर महीने अपनी आय में से कुछ पैसे इस फंड में जमा कर सकते हैं| यह हमारी स्थिति पर निर्भर करता है, परंतु इसके लिए योजना बनानी जरूरी होगी| 



कई लोगों की यह धारणा है कि हम ‘इमरजेंसी फंड’ बनाना तो चाहते हैं, परंतु अभी हमारे खर्चे बहुत अधिक हैं| हम यह फंड कैसे बनाएं? हम इसको बाद में बना लेंगे|


मेरा मानना है कि “जहां चाह होती है राह भी वही होती है (Where there is a Will, there is a Way)| जब आप यह निश्चय कर लेंगे कि आपने अचानक आने वाली (Emergencies or Contingencies) अपनी आर्थिक परेशानियों को कम करना है और उनको अपने जीवन पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालने देना है, तब आप इसे अवश्य ही बना लेंगे| बस एक बार आपको  इस फंड को बनाने के फायदे समझ में आने की जरुरत हैं|


क्या आपने इमरजेंसी फंड बना रखा है? यदि नहीं तो इसे तुरंत बनाने की कोशिश करें| 


कोविड महामारी (Covid Pandemic) के आने के बाद हमें यह पता चल ही गया है कि यदि जीवन में कोई बड़ी आर्थिक परेशानी आ जाए या कोई इमरजेंसी पड़ जाए, तब यह इमरजेंसी फंड हमारा सबसे बड़ा सहयोगी होगा|

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